लिवर सिरोसिस
लिवर सिरोसिस (Liver cirrhosis) क्या है ?
- लिवर सिरोसिस धीमी गति से बढ़ने वाली लिवर की बीमारी है जिसमें संक्रमित व्यक्ति का लिवर अपने वास्तविक आकार में न रहकर सिकुड़ने लगता है और लचीलापन खोकर कठोर हो जाता है। । इस रोग से ग्रसित मनुष्य के लिवर की कोशिकाएं (parenchyma) बडे पैमाने पर नष्ट हो जाती हैं और उनके स्थान पर फाइबर तंतुओं (scarring) का निर्माण हो जाता है । इससे लिवर की कार्यप्रणाली में दिक्कते पैदा हो जाती है । ये स्कार उत्तक रक्त प्रवाह को रोक देते हैं (portal hypertension) तथा पोषण और हार्मोन की प्रक्रियाओं को धीमा कर देते हैं । लिवर धीरे-धीरे शरीर को शुद्ध करने की अपनी क्षमता खो देता है।
- पूरी दुनिया में सिरोसिस ऑफ लिवर के 57 फीसदी मामले होते हैं। इसमें से 30 फीसदी हैपेटाइटिस बी के कारण, 27 फीसदी हैपटाइटिस सी के कारण और 20 फीसदी शराब के कारण होते हैं।
लिवर सिरोसिस के कारण
- शराब का अत्यधिक मात्रा में सेवन – जो लोग बहुत ज़्यादा शराब पीते हैं और इसके आदी हैं उन्हें लिवर सरोसिस होने की सम्भावना सबसे ज़्यादा होती है |
- हेपेटाइटिस बी और सी ( Hepatitis B and C) वाइरल संक्रमण
- मादकता रहित वसायुक्त लिवर रोग (Nonalcoholic fatty liver disease)
- ऑटोइम्यून लिवर डिस्ऑर्डर
- अनुवांशिक़ मेटाबोलिक रोग जैसे wilson disease, hemochromatosis, cystic fibrosis
- कोलेस्टटिक लिवर रोग जैसे Primary biliary cirrhosis(PBC) & Primary sclerosing Cholangitis (PSC)
- बच्चों में पित्त अविवरता (Biliary atresia)
लिवर सिरोसिस के लक्षण :
लिवर सिरोसिस होने पर व्यक्ति स्वयं को बीमार महसूस करता है, शुरूआती चरण में कोई खास लक्षण नहीं दिखते, लेकिन जैसे ही बीमारी बढ़ती है लक्षण दिखने शुरू हो जाते हैं।
इनमें से कुछ प्रमुख लक्षण इस प्रकार है :
- भूख कम लगना और ऊर्जा का कम होना ( थकान)
- वजन में कमी या फिर अचानक वजन का बढ़ जाना
- चोट के निशान की तरह शरीर पर लाल-लाल चकते आना
- त्वचा व आंखों का रंग पीलापनयुक्त होना (पीलिया) (Jaundice)
- मूत्र /पेशाब का रंग पीला हो जाना / मल का रंग काला हो जाना
- त्वचा में खुजलाहट
- एड़ी के जोड़ पर एडिमा (Edema feet) होना, सुजन होना तथा पैर और पेट में भी सुजन(ascites)
- भ्रम, अनिर्णय, स्थितिभ्रांति जैसी स्थिति, कोमा या फिर व्यक्तित्व में अन्य कई तरह के बदलाव आना (encephalopathy)
लिवर सिरोसिस की पहचान कैसे होगी?
लिवर रोग के विशेषज्ञ चिकित्सक इस बीमारी का बड़ी आसानी से पहचान कर लेते हैं
- शारीरिक जांच
- रक्त जांच – लिवर फंक्शन टेस्ट
- सीटी स्कैन / अल्ट्रासाउंड / फाइब्रोस्कैन
- लिवर बाइआप्सी – लिवर रोग के जाँच के लिए लिवर टिशू (टुकड़ा) निक़ाल कर परीक्षण किया जाता है
लिवर सिरोसिस का इलाज
लिवर सिरोसिस के लिए अब तक कोई इलाज नहीं है, दवाओं से सिर्फ़ इस बीमारी से होने वाली परेशानियों को कम किया जा सकता हैI किसी के लिवर में कितना नुकसान हुआ है, सिरोसिस का इलाज उस पर आधारित रहता है।
- यदि लिवर शराब के कारण खराब हुआ है तो सबसे पहले इसे नियंत्रित किया जाता है
- शुगर को कंट्रोल में रखना आवश्यक है
- हेपटाइटिस से होने वाले सिरोसिस में ऐसी दवाएं देते हैं, जो लिवर सेल्स को नुकसान से बचा सके
- खुजली, थकान, दर्द आदि लक्षणों से राहत के लिए इलाज
- मरीजों के पेट में पानी की मात्रा अधिक है तो इसे निकाला जाता है
- नियमित रूप से एंडोस्कोपी की जाती है , जिसमें आहार नली या पेट में बढ़ी हुई नसों को देखा जाता है, जिससे ब्लीडिंग हो सकती है| ब्लीडिंग को रोकने के लिए बैंड लेगेशन (Band Ligation) नाम की प्रक्रिया होती है ।