लिवर / यकृत कैंसर
लिवर या यकृत कैंसर लिवर की कोशिकाओं की असामान्य वृद्धि से उत्पन होने वाला रोग है । मानव शरीर अपनी आवश्यकता अनुसार ही नई कोशिकाओं का निर्माण करता है; जब लिवर के अंदर की कुछ कोशिकाओं का समूह अनियंत्रित रूप से बढ़ने लगता है तो इस अवस्था को Liver Cancer कहते है।
लिवर कैंसर होने के मुख्य कारण इस प्रकार हैं :
- हेपेटाइटिस बी और हेपेटाइटिस सी वाइरस संक्रमण
- आनुवंशिक बीमारियाँ जैसे हिमोक्रोमेटोसिस, विल्सन डिजीस
- प्राइमरी बिलीयरि सिर्रोसिस
- मधुमेह (डाइबीटीज़)
- लम्बे समय तक अत्यधिक मात्रा में शराब का सेवन
- मादकता रहित वसायुक्त लिवर रोग (Nonalcoholic fatty liver disease)
- लिवर सिरोसिस के रोगियों में लिवर कैंसर के विकसित होने की अधिक संभावना होती है।
लिवर कैन्सर के लक्षण :
ज़्यादातर लिवर कैन्सर के रोगियों में शुरुआती चरण में कोई ख़ास लक्षण नहीं दिखते, लेकिन जैसे-जैसे बीमारी बढ़ती जाती है लक्षण दिखने शुरू हो जाते हैं। इनमें से कुछ प्रमुख लक्षण इस प्रकार से हैं :
- अप्रत्याशित वज़न में कमी
- भूख कम लगना
- सामान्य काम करते समय जल्दी थकान होना / ऊर्जा का कम होना
- पेट के दाँयी तरफ़ ऊपरी हिस्से में दर्द
- मितली और उलटी
- पेट का फूलना
- त्वचा व आंखों का रंग पीलापनयुक्त होना
लिवर कैन्सर की पहचान कैसे होगी ?
- शारीरिक जांच
- रक्त जांच – लिवर फंक्शन टेस्ट / कैन्सर मार्कर जैसे AFP
- सीटी स्कैन / अल्ट्रासाउंड / ऐम आर आई स्कैन
- लिवर बायोप्सी – लिवर रोग के जाँच के लिए लिवर टिशू (टुकड़ा) निक़ाल कर परीक्षण किया जाता है
लिवर कैन्सर का इलाज :
लिवर कैन्सर का इलाज रोगी की शारीरिक परिस्थिति, उम्र और कैन्सर की स्टेज के ऊपर निर्भर करता है। अगर शुरुआती स्टेज में ही इसका पता चल जाता है तो लिवर कैन्सर का पूरा ट्रीटमेंट सम्भव है। लिवर कैन्सर के इलाज के लिए विभिन्न प्रकार के ट्रीटमेंट विकल्प उपलब्ध हैं :
- सर्जरी द्वारा लिवर के कैन्सर वाले हिस्से को निकाल देना (liver resection)
- लिवर प्रत्यारोपण : सिरोटिक लिवर में कैन्सर हो जाने के बाद लिवर प्रत्यारोपण ही एकमात्र विकल्प है। इसके पहले कि कैन्सर पेट के बाक़ी हिस्सों में या फुफ़्फ़ुस में फैल जाए जल्द से जल्द लिवर प्रत्यारोपण करवा लेना चाहिए।
- कैन्सर स्थानीय ट्रीटमेंट (localized treatment) : माइक्रोवेव अब्लेशन, रेडीओ फ़्रीक्वन्सी अब्लेशन / कैन्सर कोशिकाओं में ऐल्कोहोल इंजेक्ट करना।
- अगर कैन्सर अंतिम स्टेज तक पहुँच गया है तो ऑपरेशन करने की कोई गुंजाइश नहीं रह जाती और ऐसी स्थिति में कीमोथेरेपी ही एकमात्र विकल्प रह जाता है।