लिवर प्रत्यारोपण के बाद की ज़िन्दगी
ज़्यादातर मरीज़ लिवर प्रत्यारोपण के बाद एक सामान्य ज़िन्दगी जीने लगते हैं। ९० प्रतिशत मरीज़ ३ महीने बाद अपने काम पर लौट आते हैं और अपनी सामान्य गतिविधियाँ कर पाते हैं और ९५ प्रतिशत स्तिथि में जीवन की गुणवत्ता पहले के समान हो जाती है। बच्चे ३ महीने के बाद अपने स्कूल वापिस जा सकते हैं और पढ़ाई शुरू कर सकते हैं। जो मरीज़ लिवर प्रत्यारोपण ऑपरेशन के पहले बहुत ज़्यादा बीमार थे उन्हें ठीक होने और सामान्य ज़िन्दगी शुरू करने में ज़्यादा वक़्त लगेगा।
३ महीने के बाद सभी तरह के खेल खेलना और व्यायाम करना चालू किया जा सकता है। लेकिन जहाँ तक हो सके ६ महीने तक contact sports जैसे की जूडो, कराटे, बॉक्सिंग आदि से दूर रहना चाहिए।
ज़्यादातर मरीज़ २ महीने बाद स्वयं गाड़ी चला सकते हैं। पेशंट को दर्द की दवाइयाँ खाने के बाद गाड़ी नहीं चलानी चाहिए क्योंकि इनसे नींद आने और दुर्घटना होने की सम्भावना बढ़ जाती है।
ज़्यादातर मरीज़ २-३ महीने बाद रेल्वे या प्लेन का सफ़र कर सकते हैं। यदि आप किसी अन्य देश में जा रहे हैं तो अपनी ट्रांसप्लांट टीम और डॉक्टर से अवश्य परामर्श करें ताकि मरीज़ को पर्याप्त मात्रा में दवाइयाँ उपलब्ध करायी जा सके और उसका परिचय उस जगह के स्थानीय डॉक्टर से कराया जा सके जो आकस्मिक परिस्थिति में उसका इलाज कर सके।
यदि मरीज़ अपने आपको स्वस्थ महसूस करता है तो वो अपने पार्ट्नर के साथ शारीरिक सम्बंध बना सकता है। आम-तौर पर लिवर डोनर एक महीने में और लिवर प्रत्यारोपण रेसिपीयंट २-३ महीने में शारीरिक सम्बंध बनाना चालू कर सकते हैं। महिलाओं को लिवर डोनेशन के बाद ६ महीने तक और लिवर ट्रांसप्लांट के बाद एक साल तक गर्भवती नहीं होना चाहिए। लिवर प्रत्यारोपण रेसिपीयंट को गर्भ ना ठहरने के लिए किसी भी तरह की गोली का इस्तेमाल करने के पहले अपने डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। लिवर प्रत्यारोपण के बाद गर्भ रोकने के लिए सबसे अच्छा साधन barrier contraceptive (कॉनडोम) समझा जाता है।
ट्रांसप्लांट होने के बाद लिवर पेशंट अपनी पूरी ज़िन्दगी कभी भी शराब नहीं पी पाएँगे। थोड़ी सी भी शराब नए लिवर को ख़राब करने के लिए काफ़ी है और शराब पीने के बाद नए लिवर को बचा पाना मुमकिन नहीं है। जीवित लिवर डोनर ६ महीने के बाद कभी-कभार शराब का सेवन कर सकते हैं।