लिवर उसकी शरीर में भूमिका
लिवर को हम ‘यकृत, जिगर या कलेजा’ के नाम से जानते हैं । लेकिन आम बोल-चाल की भाषा में ज्यादातर लोग इसे लिवर ही बोलते है । लिवर हमारे पेट के ऊपरी हिस्से मे दाईं ओर स्थित होता है और मानव शरीर की सबसे बड़ी ग्रंथि है । यह शरीर में 500 से अधिक काम करता है जिसमें से कुछ हैं :
- पित्त का उत्पादन और भोजन का पाचन
- लिवर कार्बोहाइड्रेट्स (Carbohydrates) को ग्लाइकोजन (Glycogen) के रूप में जमा करके रखता है और जब भी जरूरत होती है, तुरंत ही इसे ग्लूकोज (Glucose) के रूप में स्त्रावित (Release) कर देता है।
- प्रोटीन पर काम करके उसे शरीर के लिए उपयोगी बनाता है।
- थायरॉइड हॉर्मोन और ईस्ट्रोजन हॉर्मोन का निर्माण करना।
- एल्कोहल और विभिन्न एंटीबायोटिक दवाओं का विशहरण करना।
- खून के सेलुलर तत्वों (blood components) के गठन में मदद।
लिवर का वज़न शरीर के कुल वज़न का दो प्रतिशत होता है । आम-तौर पर जब तक लिवर का ५०- ७० प्रतिशत हिस्सा ख़राब न हो जाए तब तक लिवर की बीमारियों के लक्षण दिखने प्रारम्भ नहीं होते हैं।
लिवर की कुछ प्रमुख बीमारियों में फ़ैटी लिवर, ग़ैर-शराबी स्टीटोहिपेटाईटिस, शराब सम्बंधित लिवर डिजीस, हिपेटाईटिस, वाइरल लिवर संक्रमण, सिरोसिस, लिवर कैन्सर और कुछ प्रकार की अनुवांशिक़ बीमारियाँ शामिल हैं।इन बीमारियों के विभिन्न लक्षण इस प्रकार से हो सकते हैं :
- पेट के ऊपरी दाएँ भाग में दर्द होना
- पेट के ऊपरी दाएँ भाग में दर्द होना
- मितली और उलटी
- त्वचा, आँखों और पेशाब का पीलापन
- ख़ून की उलटी
- काले रंग का मल
- ख़ून का पतला हो जाना और त्वचा में बिना किसी कारणवश ब्लीडिंग होना
- दिमाग़ का भ्रमित होना
- सामान्य थकान और कमज़ोरी
- पेट में पानी और पैरों में सूजन\
अगर किसी भी व्यक्ति में उपरोक्त दिए गए एक या सभी लक्षण दिखायी देते हैं तो ये समझना चाहिए कि उसको लिवर से सम्बंधित कोई बीमारी है। ऐसे मरीज़ों को तुरंत ही लिवर विशेषज्ञ से मिल कर सलाह लेनी चाहिए अन्यथा प्राणघातक समस्या उत्पन्न हो सकती है।