प्रत्यारोपण के प्रकार
- किसी मृत व्यक्ति का पूरा लिवर प्रत्यारोपित करना (Cadaveric donor transplant)
- परिवार में ब्लड ग्रूप मैचिंग के बाद जीवित व्यक्ति क़े लिवर का आधा हिस्सा प्रत्यारोपित करना Living donor liver transplant)
ब्रेन-डेड डोनर से लिवर प्रत्यारोपण
ब्रेन डेड डोनर से मिले हुए लिवर को ब्लड ग्रूप के आधार पर बनी हुई प्रतीक्षा सूची में पहले नम्बर के पेशंट को दिया जाता है। ब्रेन डेड डोनर से पूरा लिवर मिलता है, लेकिन कभी-कभी इस लिवर को दो हिस्सों में विभाजित करके एक वयस्क और एक बच्चे में लगाया जा सकता है।
जीवित डोनर से लिवर प्रत्यारोपण
जीवित व्यक्ति से लिवर का एक टुकड़ा लिया जाता है। आमतौर पर ये लिवर का दायाँ हिस्सा होता है जो पूरे लिवर का ५०-६० प्रतिशत भाग होता है । लाइव लिवर प्रत्यारोपण लिवर की दो विशेषताओं पर निर्भर करता है :
- किसी भी व्यक्ति के शरीर का नॉर्मल कामकाज चलाने के लिए लिवर के सिर्फ़ २५-३० प्रतिशत फ़ंक्शन की आवश्यकता होती है ।
- एक नॉर्मल लिवर में पुनर्जीवित होने की क्षमता होती है। डोनर के लिवर का टुकड़ा निकालने और रेसिपीयंट में प्रत्यारोपित करने के १२ घंटों के अंदर ही ये पुनरुत्थान की प्रक्रिया शुरू हो जाती है और दोनों ही हिस्से अगले ६-८ हफ़्तों में बढ़ के ९०-१०० प्रतिशत हो जाते हैं।
उपरोक्त दोनो कारणों की वजह से ही किसी भी जीवित आदमी के लिवर का ५०-६० प्रतिशत टुकड़ा निकाल कर रोगी के शरीर में लगाया जा सकता है और डोनर का बचा हुआ लिवर उसके शरीर में नोर्मल कामकाज चालू रख सकता है ।
हमारे देश में ८० प्रतिशत से ज़्यादा लिवर प्रत्यारोपण लाइव डोनर (जीवित व्यक्ति) से होते हैं । इसके विपरीत विदेशों में ९० प्रतिशत से ज़्यादा ट्रांसप्लांट ब्रेन-डेड डोनर से किए जाते हैं। जीवित व्यक्ति से लिवर का टुकड़ा निकाल के प्रत्यारोपित करना तकनीकी स्तर पर ज़्यादा मुश्किल है।
लाइव लिवर प्रत्यारोपण के फ़ायदे
- चूँकि जीवित लिवर डोनर स्वस्थ व्यक्ति होते हैं और ऑपरेशन के पहले उनका पूरी तरह से चेकअप किया जाता है, इसलिए ट्रांसप्लांट के बाद लिवर के काम ना कर पाने की सम्भावना बहुत ही कम होती है।
- लाइव लिवर ट्रांसप्लांट एक पहले से सुनियोजित ऑपरेशन होता है इसलिए इस के पहले लिवर पेशंट की तबियत सुधारना सम्भव है जिससे ट्रांसप्लांट के सफल होने की सम्भावना बढ़ जाती है।
- जिस पेशंट को लिवर कैन्सर के लिए ट्रांसप्लांट बताया गया है, उसके लिए प्रतीक्षा सूची में नाम लिखवाना और इंतज़ार करना जानलेवा हो सकता है। ऐसे पेशंट के लिए परिवार में डोनर ढूँढकर लाइव लिवर प्रत्यारोपण करवाना एक बेहतर विकल्प है।