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ग़ैर- शराबी स्टीटोहेपेटाईटिस (NASH) / ग़ैर-शराबी फ़ैटी लिवर रोग (NAFLD)



ग़ैर- शराबी स्टीटोहेपेटाईटिस (NASH) / ग़ैर-शराबी फ़ैटी लिवर रोग (NAFLD) लिवर की एक प्रगतिशील बीमारी है जिसमें लिवर कोशिकाओं के अंदर चरबी (fat) जमा हो जाती है। ये मुख्यतः शराब नहीं पीने वालों में देखी जाती है।

इस बीमारी का मुख्य कारण आज-कल की ग़लत डाइट, तेज़ी से बढ़ता मोटापा, मधुमेह या घेंघा है। अगर लिवर की सभी बीमारीयों को गिनें तो हर तीसरे मरीज़ में फ़ैटी लिवर/ नैश मिल रहा है। इसकी वजह से शरीर के टॉक्सिन फ़िल्टर करने की लिवर की प्रक्रिया पर असर पड़ता है और २० प्रतिशत से ज़्यादा लोगों में ये बीमारी आगे जाकर सरोसिस या लिवर फ़ेल्यर में तब्दील हो सकती है।

इस पर नजर रखने के लिए हर साल फाइब्रोस्कैन, लिवर फंक्शन टेस्ट और पेट की अल्ट्रासाउंड जांच करवाते रहना चाहिए।

नैश/ फ़ैटी लिवर रोग का मुख्य लक्षण पेट में लगातार दर्द, भारीपन और शारीरिक कमजोरी है।

फैटी लिवर की समस्या पर नियंत्रण रखना और इससे होनेवाली परेशानियों से बचना आसान है। बस प्रभावित व्यक्ति को अपने खान-पान और रोज़ की दिनचर्या पर नियंत्रण रखना होगा ।

  • अपने शुगर लेवल को नियंत्रण में करना आवश्यक है।
  • शराब के सेवन से बचना चाहिए।
  • फ़ास्ट- फ़ूड, सॉफ़्ट-ड्रिंक, चावल, मिठाई और तैलिय खाना खाने की बजाय स्वस्थ आहार जैसे हरी सब्ज़ीयों और फलों का सेवन करें।
  • अगर आप अधिक वजन या मोटापे से ग्रस्त हैं तो रोजाना कैलरी पर नजर रखें और रोज़ाना व्यायाम करें।